सर्वकार्य सिद्धि हेतु गणेश जी का शाबर मंत्र

गणेश जी का शाबर मंत्र:-

भगवान श्री गणेश जी  भगवान शिव शंकर भगवती माता पार्वती जी के पुत्र हैं | गणों का स्वामी होने के कारण इनका नाम गणेश पड़ा | हिन्दू शास्त्रों के अनुसार गणेश जी का जन्म माता पार्वती ने अपनी अपनी रक्षा के लिए किया था | ऐसा मत है कि भगवान शिव शंकर जी अपने गणों के साथ में कैलाश पर्वत से कहीं बाहर चले गए थे , जब माता पार्वती का स्नान करने का मन हुआ तो वो अपनी सेविकाओ के साथ में स्नान करने के लिए चली गयी तो उन्होंने अपने शरीर के मेल से गणेश जी को उत्पन्न किया है |

गणेश
गणेश विवाह

इसके साथ एक मत ये भी है की उनका जन्म राक्षसों के नाश करने के लिए हुआ था | भगवन श्री गणेश जी मुषक की सवारी करते है जिनका नाम डिंक है | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन्हें केतु के देवता  भी कहा जाता है इन्होने हर युग में अवतार लिया है , इसके आलावा ये सभी साधनों के स्वामी है | भगवान श्री गणेश जी की दो पत्नियां है जिनके नाम रिधि सिद्दि है | इनके दो पुत्र भी हैं रिधि से इन्हें क्षेय सिद्धि से लाभ पुत्र हैं | भगवान श्री गणेश जी की चार भुजाएं है जो चारों दिशाओं में सर्वव्यापकता का प्रतीक है, लम्बोदर चर-अचर श्रृष्टि उनके उदर में है तथा उनकी लम्बी सूंड महाबुधि का प्रतीक है | मंगलमूर्ति श्री गणेश जी सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजे जाते हैं, कहा जाता है की इनका ध्यान करने मात्र से व्यक्ति के जीवन की सारी परेशानियां हल हो जाती है। इसी कारण तो किसी भी शुभ मांगलिक कार्यों को आरंभ करने से पहले श्री गणपति जी का न सिर्फ आवाहन किया जाता है बल्कि उनकी विशेष पूजा-अर्चना भी की जाती है।

स्वस्तिक का महत्व:-हिन्दू शास्त्रों में स्वस्तिक का बहुत महत्व है | स्वस्तिक को हिन्दू धर्म ग्रंथोंके अनुसार बहुत शुभ माना जाता है, स्वस्तिक बुधि का प्रतीक है |  दो अलग अलग रेखाए रिद्दी और सिद्धि को दर्शार्ती है,पुत्रो के नाम दायें से बाएँ लिखे जाते है | ऐसा माना जाता है की स्वस्तिक में भगवन अपने परिवार के साथ में विराजमान है | हिन्दू स्वस्तिक को बहुत शुभ मानते है इसलिए इसे किसी भी चीज या किसी काम करने से पहले इसे चित्रित किया जाता है |

बुधवार के दिन का महत्व :-

वैसे तो हर दिन अपने आप में खास होता है और इनका अपना अपना महत्व होता है लेकिन हिन्दू शास्त्रों के अनुसार बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश जी को समर्पित है | इस दिन भगवान श्री गणेश जी की पूजा करना काफी फलदायक होता है  | भगवन श्री गणेश जी को बुधि के देवता भी कहा जाता है | बुधवार को यदि कुछ शास्त्रीय उपाय (Mantra) किए जाएं तो भगवान गणेश की कृपा पाई जा सकती है। मान्यता के मुताबिक बुधवार को विध्नहर्ता यानी भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष लाभ होता है | नारद पुराण के मुताबिक गणेश जी के 12 नाम हैं- सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन।

मंत्र : –

‘गं हं क्लौं ग्लौं उच्छिष्टगणेशाय महायक्षायायं बलिः’ या फिर ‘ओम गं गणपतये नमः’

इस मंत्र  के जाप से सारे कष्ट दूर होते हैं और व्यक्ति की आर्थिक स्थिति भी अच्छी हो जाती है।

नारद पुराण में वर्णित श्रीगणेश जी के इन 12 नामों का बुधवार के दिन सुबह-शाम 108 बार जप करने से सभी विघ्नों का नाश हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुधवार के दिन भगवान श्रीगणेश जी के इन बारह नामों का ध्यान करने से भगवान गौरी नंदन गणेश अपने भक्तों पर जल्दी प्रसन्न होते हैं। इसलिए अगर आप गणपति जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो अपने घर के ही पूजा में विधि-विधान से गणेश पूजा करें और उनके बारह नामों का 108 बार जप करते हुए ध्यान करने से सभी कार्य सफल हो जाते हैं।

मंगलमूर्ति श्री गणेश जी सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजे जाते हैं, कहा जाता है की इनका ध्यान करने मात्र से व्यक्ति के जीवन की सारी परेशानियां हल हो जाती है। इसी कारण तो किसी भी शुभ मांगलिक कार्यों को आरंभ करने से पहले श्री गणपति जी का न सिर्फ आवाहन किया जाता है बल्कि उनकी विशेष पूजा-अर्चना भी की जाती है। अगर आप अपने सभी विघ्नों, बाधाओं से मुक्ति चाहते हैं तो बुधवार के दिन ये उपाय आजमाकर देखें।

बुधवार के दिन ये कार्य करें:-

बुधवार को गणेशजी के मंदिर में जाकर दर्शन करें।

श्रीगणेश को हरी दूर्वा चढ़ाएं।

हर बुधवार को गाय को हरी घास खिलाएं।

बुधवार के दिन गणेशजी को सिंदूर अर्पित करें। श्रीगणेश को सिंदूर चढ़ाने से समस्त परेशानियां दूर होकर सभी समस्याओं का समाधान होता है।

गणेश मंदिर में 7 बुधवार तक गुड़ का भोग चढ़ाएं, आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी।

मेहनत का पूर्ण फल प्राप्त करने और बाधाएं दूर करने के हेतु गणेश रुद्राक्ष धारण करें।

गणेश जी को मूंग के लड्डुओं का भोग चढ़ाकर हर तरह की परीक्षा में पास होने के लिए प्रार्थना करें।