गम्भीर रोगनिवारण हेतु युक्त टोटका
अगर मरीज बहुत समय से बीमार हो और औषधीय उपचार के बाद भी बिमारी समाप्त नहीं हो रही है तो यह तांत्रिक उपाय करें। शिवशक्ति ने चाहा तो लाभ मिलेगा।
सात राख (स्वाह) के लड्डू, राख को गीला करके बनावे। एक पुतला आटे का बनाकर (मनुष्य की आकृति ) उस पर मरीज का नाम लिखे । सात आटे के गोले (पिण्ड) बनाये। एक चौमुखा दीपक लेकर, तेल से सनी 2 बत्तियाँ क्रास करके जलावें। सात चोटियां काच की, सात लाल मिर्च ( डन्डी वाली ), एक बेदाग नींबू, फिटकरी की डली तथा एक मिट्टी का कूलङ (गङवा ) लेवें। सारा सामान एक गत्ते के डिब्बे में रखकर, दीपक को जलाकर, रोगी के ऊपर से सात बार अंवार यानि ऊतारा ऊतार कर बिना किसी से बोले, टोके किसी चौराहे में रखदे। अगर चौराहा उपलब्ध न हो तो किसी सुनसान जगह पर क्रास मारकर, चौराहा बनाकर ऊतारा उस पर छोङकर, घर वापस पीछे व इधर-उधर बिना देखे आ जावे । घर में आने से पहले अपना मुँह रास्ते में झूठा करके आवे। चाहे कोई पत्ता या रास्ते की धूल अथवा पानी से ही मुंह झूठा करना पङे। यह तंत्र या टोटका कुछ भी कहो, बहुत शक्तिशाली है।इसलिये इसे सुनसान चौराहे (कुदरती ) या सुनसान जगह पर चौराहा बनाकर ही रखें । कहीं एसा ना हो किसी की बिमारी छूटे और किसी और को लग जावे। अपना भला तो करो, परन्तु दूसरे का बुरा -ना हो। इस बात का ध्यान रखना अत्यावश्यक है।
शिवशक्ति सर्व भक्तों की मनोकामना परिपूर्ण करें।