तंत्र बाधा खोलने के लिए गोरख नाथ का मंत्र:-
गोरख नाथ को भगवान् शिव का अवतार माना जाता है। गोरख नाथ जी सिद्धयोगी थे , इन्हे मत्स्येन्द्र नाथ का मानस पुत्र भी माना जाता है। गोरख नाथ जी के गुरु जी मछन्दरनाथ जी है जो की नाथ सम्प्रदाय की बहुत बड़ी हस्तियों में आते है। गोरख नाथ जी उनके गुरु जी के प्रिय शिष्य थे जिस कारण गोरख नाथ जी के साथ इनका नाम हमेशा से जोड़कर देखा जाता है। इन्होने नाथ सम्प्रदाय को आगे बढ़ाने में बहुत योगदान दिया है। हर तरह की तंत्र बाधा खोलने के लिए गोरख नाथ का मंत्र है।
इनके जन्म के बारे में ऐसा माना जाता है कि मत्स्येन्द्र नाथ जी एक गाँव में भिक्षा मांगने गए , नगर में जब वो भिक्षा मांग रहे थे तो उन्हें एक स्त्री मिली जिसकी कोई संतान नहीं थी। उन्होंने मत्स्येन्द्र नाथ जी से प्रार्थना की ; उसने एक पुत्र की मांग मत्स्येन्द्र नाथ जी से की। मत्स्येन्द्र नाथ जी ने उन्हें एक पुड़िया दी कि हे माई ये ले पुड़िया इसे खा लेना तुम्हे संतान कि प्राप्ति होगी साथ ही उन्होंने कहा कि इसके बारे में किसी से बातचीत न करे। साथ ही उन्होंने कहा कि वो १२ वर्ष पश्चात फिर से आएंगे।
यह मंत्र बाबा गोरख नाथ का शक्तिशाली मंत्र है।हर तरह की तंत्र बाधा खोलने के लिए गोरख नाथ का मंत्र है। किसी भी प्रकार की तंत्र बाधा को इस मंत्र से ठीक किया जा सकता है। अगर आपके व्यापर आपके काम धंधे को किसी ने तंत्र क्रिया द्वारा रोका हुआ है तो इस शाबर मन्त्र की सहायता से रोकथाम की जा सकती है। इस मंत्र से किसी के घर के बंधन को खोलना , किसी की दुकान व्यापार प्रतिष्ठान को बंधन मुक्त करना, किसी मनुष्य को किसी ने मंत्र द्वारा कुछ बंधन कर रखा हो तो उसे हटाया जा सकता है। इस मंत्र के प्रभाव से बंधन खोलकर दुकान व्यवसाय को खोला जाता है ताकि वो फिर से पहले की भाति चलने लगे।
दिन – पूर्णिमा अथवा अमावस्या।
दिन जाप – 3 से 11 दिन।
समय – रात 1 बजे से।
वस्त्र – सफेद।
आसन – लाल।
माला – रुद्राक्ष।
जाप – 1 माला।
दिशा – उत्तर मुख।
पूजन – पंचोपचार।
पूजन – गुरू , गुरू गोरख नाथ , गुरू मछेन्द्रनाथ
(नित्य का पूजन साधना से पहले अलग से कर लें)
भोग – बूंदी का लड्डू
साधना विधान:- मंत्र को किसी भी, पूर्णिमा , अमावस्या से शुरू करके उत्तर मुख होकर 1 माला का 3 दिन तक जाप करने से मंत्र सिद्ध हो जायेगा अधिक प्रभाव के लिये 11 दिन तक जाप करें। मंत्र को अधिक प्रभावी बनाने के लिये अधिक माला का जाप भी किया जा सकता है।
गुरू , गुरू गोरख नाथ , गुरू मछेन्द्रनाथ का पंचोपचार पूजन दें। माला रूद्राक्ष की लें, आसन लाल लें, भोग लड्डू का लगा देना। रात्रिकाल दस के बाद जाप कर सकते है।
मंत्र:-
अल खोलू बल खोलू, जल खोलू थल खोलू
धरती आकाश खोलू, चलता हुया योगी खोलू
घर व्यापार खोलू, गद्दी बैठा बनिया खोलू
जो इतना ना खुलें तो, गुरू गोरख नाथ लाजे
मेरा खोला ना खुले तो, गुरू मछेन्द्रनाथ लाजे
काज व्यापार चले, ना चले तो
शिव की लटा टूटभूमि पे परें
शब्द साचॉ पिंड कॉचा फुरै मंत्र ईश्वरो वाचा
सत नाम आदेश गुरू का।
प्रयोग विधि :- किसी शनिवार या मंगल को ये प्रयोग करना ज्यादा ठीक है। मंत्र सिद्ध करने के बाद किसी के घर दुकान के बंधन खोलने हो तो दुकान के मालिक के साथ जाकर सुबह मे दुकान खोले। मंत्र से काली साबुत उडद को 21 बार अभिमंत्रित करके सबसे पहले दरवाजे पर मारे फिर घर या दुकान मे चारो ओर मारे याद रखे छिटकने नही है तेज मारने है। हर तरह की तंत्र बाधा खोलने के लिए गोरख नाथ का मंत्र है। किसी भी प्रकार की तंत्र बाधा को इस मंत्र से ठीक किया जा सकता है।
फिर पीली सरसो काली सरसो अभिमंत्रित करके मारे। फिर एक कटोरी में गंगाजल लेकर मंत्र से अभिमंत्रित करें और पूरे घर या दुकान मे छिटके। बस आपका बंधन हट जायेगा और फिर से वही रौनक आजायेगी जो पहले थी। हर तरह की तंत्र बाधा खोलने के लिए गोरख नाथ का मंत्र है। किसी भी प्रकार की तंत्र बाधा को इस मंत्र से ठीक किया जा सकता है। इसके बाद सुरक्षा मंत्रो से घर दुकान कीलित किया जाता है ताकि फिर कोई ना बंधन हो सके। हर शनिवार अमावस्या ये उडद पढकर मारते रहे ताकि कोई नयी बाधा हो तो वो हट जाये। ये प्रयोग केवल मंत्र द्वारा किये गये बंधन या टोटको या तंत्र की क्रिया द्वारा किये गये बंधन को खोल देता है काट देता है। यदि किसी ने कोई दैवीय शक्ति जैसे भूत प्रेत मसान आदि को छोड रखा है तो वहॉ ये मंत्र काम नही करता ये याद रखे इसके लिये पहले उस शक्ति को वहॉ से हटाया जाएगा।