धन प्राप्ति के लिए कुबेर साधना तथा यंत्र
आज हम आपको धन प्राप्ति के लिए कुबेर जी की साधना के बारे में बताएंगे जिसको पूर्ण करके आप अपने धन व्यय को पूरा कर सकते है। धन प्राप्ति के लिए इनकी तथा माँ लक्ष्मी की साधना की जाती है। तो आज कुबेर साधना तथा कुबेर धन प्राप्ति यंत्र के बारे में जानेंगे।
कई बार हम कुछ बुरे कामो की वजह से मुसीबत में फस जाते है और धन सम्पदा की हमें कमी महसूस होती है जिनका हमें खामियाजा भी भुगतना पड़ता है। इसके आलावा हालात भी हमे मजबूर कर देते है और हमें अपने धन से हाथ धो बैठना पड़ता है। तो आज हम ऐसे ही पाठकों के लिए आज एक ऐसी साधना लेकर आये है जिस की सहायता से साधक अपने कर्ज से मुक्ति प्राप्त कर सकेंगे।
ये देयताओं के कोषाध्यक्ष है अतः पुराणों आदि में कुबेर साधना को, दरिद्रता नाशक, भाग्य में बाधा निवारक व अन्न -धन्न देने वाले देवता है।
मंत्र :- ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्यादिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा!श्री स्वर्णाकर्षण भैरव पूजनम्
अस्य कुबेरमंत्रस्य विश्रवा ॠषिः।बृहती छंदः। शिवमित्रधनेश्वरो देवता। ममाभीष्टसिद्धयर्थे जपे विनियोगः!
ॐ विश्रवॠषये नमः।शिरसी। बृहतीछंदसे नमः मुखे। शिवमित्रधनेश्वेर देवतायै नमः, ह्रदि। विनियोग नमः ।सर्वांगे
फिर -ॐ यक्षाय ह्रदाय नमः! ॐ कुबेराय शिरसे स्वाहा! ॐ वैश्रवणाय शिखायै वषट्! ॐ धनधान्यादिपतये कवचाय हुम्! ॐ धनधान्यसमृद्धिं मे नेत्रेत्रयाय वौषट्! ॐ देहि दापय स्वाहा अस्त्राय फट्!
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फिर करन्यास -ॐ यक्षायांगुष्ठाभ्यां नमः! ॐ कुबेराय तर्जनीभ्यां नमः! ॐ वैश्रवणाय मध्यमाभ्यां नमः! ॐ धनधान्यादिपतये अनामिकाभ्यां नमः! ॐ धनधान्यसमृद्धिं मे कनिष्ठिकाभ्यां नमः! ॐ देहि दापय स्वाहा करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः!
फिर ध्यान -मनुजवाह्यविमानवरस्थितं गरुङरत्ननिभं निधिनायकम्!
शिवसखं मुकुटादिविभूषितं वरगदे दधतं भज तुंदिलम्!
साधना विधि:-ध्यान करके पश्चात् सर्वतो भद्र मण्डल बनाकर उस पर यंत्र (कुबेर यंत्र ) स्थापित करके, उसके सामने 11 घी के दीपक जलायें ( कुबेर यंत्र ताम्रपत्र पर बना लाये ) फिर यंत्र को, दूध देशी गाय का चढाकर यंत्र का अभिषेक व पूजन करें! लकङी के पट्टे (चौकी ) के ऊपर सफेद वस्त्र बिछाकर,उपरोक्त मण्डल बनाये , उसमें पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण तथा केन्द्र में षट्चक्र के अंदर में पांच अनाज की उठती हुई ढेरियों की शक्ल में भरे। चावल, मूंग, उङद काली, मसूर की दाल, व चने की दाल चक्र में भरें। सर्वतो भद्र चक्र में, गोल निशान ढेरियों के लिए दर्शाये गये चार ढेरी चारों दिशाओं में तथा एक ढेरी केन्द्र में, स्वास्तिक चिह्न पर लगाकर, चक्र की उत्तर दिशा में बाहर की तरफ एक साँप का चित्र बनाये, इसे उङद काली से बनाये। चक्र के चारों ओर पूर्व से क्रमवार, सफेद, लाल, काली, हरी तीन -तीन मेखला यानि रेखायें बनाकर प्राण प्रतिष्ठा करें, फिर स्थापित यंत्र पर मंत्र जप करें।
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मंत्र :-ॐ श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः
इस मंत्र की नित्य एक माला जपें, 12000 मंत्र जप करें फिर हवन में 1100 सौ आहुतियां, घी, कपूर काचरी, नागरमोथ, देवदारु, छङछङीला लाकर कूट-पीस कर घृत के साथ हवन करें।
फिर यंत्र पूजन स्थान में स्थापित करके जो मंत्र पहले लिखा है उसकी एक माला मंत्र जपे, हर मंत्र के बाद अपना नाम बोलें! ये साधना अत्यंत लाभकारी है।
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धन प्राप्ति के लिए या आपके कारोबार में बरकत हो तो उसके लिए कुबेर जी का यंत्र भी आपको लाभ देगा। श्री कुबेर यंत्र को आप अपने घर के मंदिर या दुकान इत्यादि में लगा सकते है। घर के मंदिर में श्री कुबेर यंत्र लगाना अत्यंत लाभकारी है। इसको घर में लगाने से पहले इसकी दीप धूप इतियादी के साथ इसकी उपासना करें और अपने इष्टदेव को याद करें और उनसे घर में सुख समृद्धि की मांग करें।