मसान साधना एवं स्त्री वशीकरण:-
आपको मसान साधना के बारे मे कूछ बताते है यदि आप दिक्षा प्रापत नही है तो इस जानकारी को केवल ज्ञानवर्धन के लिए प्रयोग करें क्योकि मसान क्रिया केवल दिक्षा प्राप्त करने के बाद ही की जा सकती है बिना दीक्षा के करेंगे तो स्वय की मौत के जिम्मेवार बन बैठेगे । दिक्षा प्राप्त है वह ईस अघोर मसान क्रिया द्वारा अनेको लोगो का भला कर सकते है। जय मॉ तारा हम मसान सिद्धी व मसानी क्रिया के बारे मे बताते है ।
मसान सिद्धि:-
मन्त्र –
ॐ नमो आठ खाट की लाकड़ी।
मंजू बनी की कावा।
भुवा मुर्दा बोले।
न बोले तो कालवीर की आन।
शब्द सांचा, फुरे मंत्र ईश्वरो वाचा।
ॐ नमः ह्रीं क्रीं श्री फट स्वाहा।
इस सिद्धि से वशीकरण सहित अनेक प्रकार की शक्तियाँ प्राप्त होती है। एक बोतल शुद्ध देसी मदिरा (यह औषधि सिद्ध होती है) , चमेली का फूल एवं तेल, लोबान लौंग, कपूर, कचरी, अतर, आटे से बना चौमुखा दीपक – इन्हें लेकर श्मशान में जाए। किसी जलती चिता के सामने दक्षिण कि ओर मुख करके बैठें। चमेली के तेल की बाती से तेल डालकर चौमुखा दीपक जलाए और एकाग्र होकर मंत्र का जाप करें।
कुछ समय बाद श्मशान में शोर मच जाएगा। तरह-तरह की डरावनी आवाजें सुनाई देंगी। लेकिन डरें नहीं और मंत्र का जपना प्रारंभ रखें । प्रत्येक रात्रि ९से ११ तक के समय में २१०० मंत्र जाप कर अतर के छींटे दें और धरती पर सुरा चढायें।
इसके बाद एक आकृति प्रकट होगी। उसका चमेली के फूलों से स्वागत करके प्रणाम करें और वचन लें कि वह आपके द्वारा बताये जाने पर आपकी इच्छा का पालन करेगा और कभी आपको हानि नहीं पहुंचाएगा।
इसके बाद मंत्र पढ़कर जिस कामिनी को वश में करना हो, लौंग हवा में फेंकें । जय मॉ तारा ईसी साधना को काबू करने वाले बिरहना मसानी पीर या मसान अघोरी को सिद्ध करने का विधान भी बताते है।
बिरहना पीर सिद्धि या( मसान अघोर )या (मसान रक्षक)
मन्त्र-
पीर बिरहना ।
फूल बिरहना ।
धुं धुंकार सवा सेर का तोसा।
वाय अस्सी कोस का धावा करे ।
सात सौ कुंतक आगे चल ।
सात सौ कुन्तक पीछे चल।
छप्पन सौ छूरी चले।
छप्पन सौ वीर चले।
जिसमें गढ़ गजनी का पीर चले।
और भी भुजा उखाड़ता चले।
ॐ नमः गुरुदेव ह्रीं क्रीं फट स्वाहा
विधि:-
दक्षिण की तरफ मुख करके निर्वस्त्र होकर बैठें। सामने चर्बी का दीपक जलायें। चर्बी सांप की हो, तो ओर उत्तम हो, वरना काले बकरे की लें। 2100 मन्त्र का जप करने में सिद्धि मिलती है। जाप करके पीले सरसों लेकर इस मंत्र को पढ़कर सभी दिशाओं में फेंक दें। पुनः 108 मन्त्र का जप करें।
जिस युवती पर सरसों पढ़कर फेंकेंगे, वह वशीभूत होकर आपकी सेवा करेगी। इस सिद्धि से अन्य मनोकामनाएं भी पूर्ण की जा सकती है। ईस साधना का प्रयोग केवल घर बसाने मे किजीए बूरे कामो मे ईसका प्रयोग प्रणघातक हो सकता है |