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भगवान सूर्य, गणपति, देवी, रुद्र और विष्णु ये शिव पंचायत कहलाते है।
भगवान सूर्य, गणपति, देवी, रुद्र और विष्णु ये शिव पंचायत कहलाते है।
शिव का धनुष पिनाक, चक्र भवरेंदु और सुदर्शन, अस्त्र पाशुपतास्त्र और शस्त्र त्रिशूल है।
शिव का धनुष पिनाक, चक्र भवरेंदु और सुदर्शन, अस्त्र पाशुपतास्त्र और शस्त्र त्रिशूल है।
शिव के 7 शिष्य है जिन्हें प्रारंभिक सप्तऋषि माना गया है।
शिव के 7 शिष्य है जिन्हें प्रारंभिक सप्तऋषि माना गया है।
हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवांन शिव ने कैलाश पर्वत पर सह परिवार वास किया।
भगवान शिव को देवों के साथ असुर, दानव, राक्षस, पिशाच, गंधर्व, यक्ष आदि सभी पूजते है।
भगवान शिव के गले में जो सांप लिपटा रहता है उसका नाम है वासुकि।
भगवान शिव के गले में जो सांप लिपटा रहता है उसका नाम है वासुकि।
भगवान शिव को संहार का देवता माना जाता है। इसलिए कहते है, तीसरी आँख बंद ही रहे प्रभु की।
भगवान शिव को संहार का देवता माना जाता है। इसलिए कहते है, तीसरी आँख बंद ही रहे प्रभु की।
सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें 'आदिदेव' भी कहा जाता है।
सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें 'आदिदेव' भी कहा जाता है।
सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें 'आदिदेव' भी कहा जाता है।
सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें 'आदिदेव' भी कहा जाता है।